रांची। भाजपा के कांके विधायक समरी लाल के कास्ट सर्टिफिकेट से जुड़े मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले को वापस कास्ट स्क्रूटनी कमिटी के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया है। अदालत ने यह निर्देश दिया है कि इस मामले की सुनवाई के लिए एक अलग कमिटी बनाई जाये। इसके साथ ही अदालत ने कास्ट स्क्रूटनी कमिटी के आदेश को रद्द कर दिया है। जिससे विधायक समरी लाल को बड़ी राहत मिली है। समरी लाल की ओर से अधिवक्ता अमर कुमार सिन्हा और कुमार हर्ष ने पक्ष रखा। सुरेश बैठा की ओर से अधिवक्ता अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, विभाससिन्हा और अविनाश अखौरी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा। बता दें कि विधायक समरी लाल ने हाईकोर्ट में कास्ट स्क्रूटनी कमिटी के उस आदेश को चुनौती दी है। जिसमें उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि बिना किसी ठोस आधार के समरी लाल की जाति प्रमाण पत्र को अवैध करार दिया गया है। यह नैसंर्गिक न्याय नहीं है। प्रार्थी ने अपनी याचिका में कहा है कि वर्ष 1956 में एकीकृत बिहार में उस जाति को एसटी में शामिल किया गया था। जिस जाति से वे आते हैं। लेकिन 1 अप्रैल को स्टेट स्क्रूटनी कमिटी ने बिना किसी गवाह और ठोस साक्ष्य के उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया जो गलत है।
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