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भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की चुनौती
नई दिल्ली: वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पर दबाव बढ़ता जा रहा है। न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू मोर्चे पर मिली लगातार दो टेस्ट श्रृंखलाएं हारने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में उनके प्रति असंतोष बढ़ गया है।
कोलकाता पिच पर उनके बयान ने स्थिति को और बिगाड़ा
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत को 30 रन से पराजित होना पड़ा। कोलकाता की पिच को शुरू से ही स्पिनरों के लिए फायदेमंद माना गया। मैच के बाद, गंभीर ने स्पष्ट रूप से कहा कि यही पिच उनकी इच्छा थी और बल्लेबाजी को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि पिच में कोई समस्या नहीं थी, बस बल्लेबाजों को अपनी तकनीक और धैर्य का प्रदर्शन करना आवश्यक था।
गुवाहाटी में भी यही हालात बने रहे
गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट में स्थिति में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ। यहां की पिच कोलकाता की तुलना में सामान्य थी, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने एक बार फिर से संघर्ष किया। पूरी टीम ने संघर्ष किया और सीरीज गंवानी पड़ी, जिससे घरेलू क्रिकेट में लगातार दो हार भारतीय टीम के लिए एक गंभीर झटका बन गई।
BCCI का अल्टीमेटम: T20 वर्ल्ड कप तक का वक्त
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने गंभीर के खिलाफ तुरंत कोई कार्रवाई की योजना नहीं बनाई है, क्योंकि उनके पास कोई मजबूत विकल्प नहीं है। हालांकि, अगले साल होने वाले T20 वर्ल्ड कप में टीम के प्रदर्शन में सुधार न होने पर गंभीर की नौकरी पर संकट आ सकता है। यह गंभीर के लिए सुधार का सीमित समय बचा है।
साथी कोच कर रहे हैं गंभीर का समर्थन
इस बीच, बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने गौतम गंभीर का समर्थन किया है। कोटक ने कहा कि गंभीर ने क्यूरेटर को बचाने के लिए खुद जिम्मेदारी ली और यह नहीं चाहते थे कि क्यूरेटर पर उंगलियां उठें। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि हार का सारा दोष केवल हेड कोच पर ही क्यों लगाया जाए, बल्लेबाजों की जिम्मेदारी पर चर्चा क्यों नहीं होती?
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