भगवतम् का बयान: विश्व को वैश्विक नेता बनने की आवश्यकता है

by Ananya Singh
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भारत को फिर से ‘विश्वगुरु’ बनाने की आवश्यकता

हैदराबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भारत को एक बार फिर से ‘विश्वगुरु’ बनने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। उन्होंने बताया कि यह केवल एक महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि वैश्विक आवश्यकता है।

योगी अरविंद के विचारों की पुष्टि

भागवत ने हैदराबाद में आयोजित ‘विश्व संघ शिविर’ के दौरान अपनी बात रखी, जहाँ उन्होंने उल्लेख किया कि लगभग 100 साल पहले योगी अरविंद ने कहा था कि सनातन धर्म का पुनरुत्थान ईश्वर की चाह है और इसके लिए हिंदू राष्ट्र का अस्तित्व आवश्यक है। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि अब वह समय आ चुका है।

संघ के योगदान पर जोर

भागवत ने कहा कि भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए संघ के प्रयासों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में निरंतर मेहनत की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि संघ व्यक्तियों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें।

तकनीकी उन्नति पर मानवीय नियंत्रण

संघ प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि तकनीकी प्रगति, जैसे सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, को नियंत्रित किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि यदि मानवीय दृष्टिकोण लागू किया जाए, तो इन तकनीकों के नकारात्मक परिणामों से बचा जा सकता है।

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