Home » आशा भोसले को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली राहत, AI नकल के खिलाफ सुनाया फ़ैसला

आशा भोसले को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली राहत, AI नकल के खिलाफ सुनाया फ़ैसला

by Aaditya Hriday
Asha Bhosle News: आशा भोसले को पर्सनैलिटी राइट्स केस में मिली राहत, बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी ये बड़ी प्रोटेक्शन | Bombay High Court protects Asha Bhosle from AI impersonation personality rights from unauthorized use of her voice

📌 गांडीव लाइव डेस्क:

गायिका आशा भोसले के व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने निर्देश दिया है कि AI प्लेटफॉर्म, ई-कॉमर्स साइटें और अन्य संस्थाएं उनकी आवाज, तस्वीर और पहचान का अनधिकृत उपयोग नहीं कर सकेंगी। इस आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति उनकी अनुमति के बिना उनके नाम, फोटो, आवाज या समानता का उपयोग नहीं कर सकता।

कोर्ट का संज्ञान और आदेश

जस्टिस आरिफ एस. डॉक्टर ने अपने आदेश में यह स्थापित किया कि किसी सेलिब्रिटी की व्यक्तिगत विशेषताओं जैसे नाम, तस्वीर या आवाज का बिना सहमति उपयोग करना उनके व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन है। अदालत ने यह भी माना कि AI तकनीकों का उपयोग करके किसी सेलिब्रिटी की आवाज की नकल करना उनकी पहचान के साथ अन्याय है। आशा भोसले की आवाज उनके सार्वजनिक और निजी जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

AI के माध्यम से आवाज की नकल का मामला

इस मामले में ‘मायके’ नामक एक मंच पर आशा भोसले की आवाज की नकल करने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स साइटों पर उनके चित्रों वाले मर्चेंडाइज और पोस्टर की बिक्री बिना अनुमति हो रही थी। गूगल की भी इसमें संलिप्तता थी, क्योंकि यूट्यूब पर AI निर्मित सामग्री उनकी आवाज की नकल कर के अपलोड की गई थी।

अभिनेत्रियों और कलाकारों के लिए एक मिसाल

यह अदालत का फैसला न केवल आशा भोसले के लिए ऐतिहासिक है, बल्कि यह डिजिटल युग में सेलिब्रिटी की पहचान की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण कदम भी है। 91 वर्षीय आशा भोसले ने अपने करियर में सात दशकों तक लाखों लोगों के दिलों पर राज किया है, और उनके सदाबहार गीत जैसे ‘पिया तू अब तो आजा’ और ‘दम मारो दम’ उनकी अमूल्य विरासत हैं।

फैंस का समर्थन

सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने इस अदालत के निर्णय की प्रशंसा की है। कई लोगों ने बताया है कि AI का अनुचित उपयोग रचनात्मकता को प्रभावित कर सकता है। यह मामला प्रौद्योगिकी और व्यक्तिगत अधिकारों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है। आशा भोसले ने इस फैसले पर खुशी जताई और कहा कि उनकी कला उनकी पहचान का हिस्सा है, जिसकी रक्षा अवश्य की जानी चाहिए।

Advertisement
Advertisement
Advertisement 1
Advertisement Popup
Advertisement
Advertisement

You may also like

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More