अमेरिका में एक और भारतीय का परचम

by Aaditya HridayAaditya Hriday

प्रमिला ने कहा, जब वह 16 साल की थीं, तभी अमेरिका आ गई थीं। हालांकि, अमेरिकी नागरिक बनने के लिए उन्हें 17 साल इंतजार करना पड़ा।

अमेरिका में एक बार फिर से भारतवंशियों ने अपना परचम लहराया है। इस बार भारतीय मूल की प्रमिला जयपाल को आव्रजन के लिए बने शक्तिशाली हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के पैनल का रैंकिंग सदस्य नामित किया गया है। वह इस उपसमिति का नेतृत्व करने वाली पहली अप्रवासी बन गई हैं।

57 वर्षीय प्रमिला जयपाल वाशिंगटन के सातवें कांग्रेसनल जिले का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने आप्रवासन अखंडता, सुरक्षा और प्रवर्तन पर काम करने वाली उपसमिति की महिला सदस्या जो लोफग्रेन का स्थान लिया है।

रैकिंग सदस्य नामित किए जाने के बाद प्रमिला जयपाल ने कहा, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गई पहली दक्षिण एशियाई महिला के रूप में मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं। 

17 साल बाद मिली अमेरिकी नागरिकता 
प्रमिला ने कहा, जब वह 16 साल की थीं, तभी अमेरिका आ गई थीं। हालांकि, अमेरिकी नागरिक बनने के लिए उन्हें 17 साल इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा, यह मेरे लिए बड़ी बात है कि मैं उस स्थिति में पहुंच गई हूं, जहां मैं टूटी हुई आप्रवासन प्रणाली को दोबारा शुरू करने की भूमिका में रहूंगी।  

अप्रवासियों के लिए लंबे समय से लड़ रही हैं लड़ाई
प्रमिला अमेरिकी कांग्रेस में आने से पहले अप्रवासियों के लिए लंबे समय से लड़ाई लड़ रही हैं। उन्होंने वाशिंगटन के सबसे बड़े अप्रवासी संगठन वन अमेरिका (पूर्व में हेट फ्री जोन) की भी शुरुआत की थी। इसका गठन उन्होंने 11 सितंबर को हुए आतंकी हमलों के लिए बाद किया। पूर्व राष्ट्रपति ओबामा की ओर से उन्हें चैंपियन ऑफ चेंज पुरस्कार भी दिया जा चुका है।

 

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