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पटना के बाद अब भागलपुर में एलईडी डिस्प्ले पर चला अश्लील संदेश

by Aaditya Hriday

पटना | पटना रेलवे स्टेशन के टेलीविजन स्क्रीन पर अश्लील वीडियो चलाए जाने के एक महीने बाद, भागलपुर में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है। यहां एक एलईडी जन जागरूकता स्क्रीन पर अश्लील सामग्री दिखाई गई। सूत्रों ने मंगलवार को ये जानकारी दी।

बिहार में अजूबा घटनाएं इन दिनों खूब हो रही हैं। चोरी-छिपकर होनी वाली बातें खुलकर सामने आ जा रही हैं। कुछ दिनों पहले पटना जंक्शन पर अश्लील फिल्म चल गई थी। इसमें कोलकाता से ऑपरेट होने की बात सामने आई और कार्रवाई भी हुई। अब भागलपुर पहुंचने वाले लोगों की सुविधाओं के संबंध में जानकारी देने वाले जिला प्रशासन के इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर अश्लील विज्ञापन का बाकायदा ऑफर चलने लगा। सोमवार शाम इस जब भागलपुर जंक्शन के बाहर इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर यह ऑफर दिखना शुरू हुआ तो लोग वीडियो बनाकर वायरल करने लगे। जिला प्रशासन की टीम ने आननफानन में इसकी बिजली बंद कराई।

सोमवार रात करीब 10 बजे LED स्क्रीन पर चल रही गंदी बात देख लोग दंग रह गए। इसमें अपशब्दों के प्रयोग किए थे। कुछ लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इधर, सूचना मिलते ही  एसडीओ धनंजय कुमार डीएसपी अजय कुमार चौधरी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी। डीएसपी ने कहा कि कि तकनीकी कारणों की वजह से इस तरह की घटना लगातार सामने आ रही है। मामले को लेकर रेलवे के स्टाफ से जानकारी ली जा रही है। जांच टीम को भी बुला लिया गया है। इस मामले में जो भी शामिल होंगे, उनपर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इस मामले में कोई भी पदाधिकारी इस संदर्भ में कुछ भी खुलकर नहीं कह रहे हैं।

19 मार्च की सुबह पटना जंक्शन पर चला था अश्लील वीडियो
बता दें कि 19 मार्च को पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म पर लगे TV स्क्रीन पर चल रहे विज्ञापन की जगह पर अश्लील वीडियो लगा था। यह लगभग तीन मिनट तक चला जिसके बाद जंक्शन पर उहापोह की स्थिति हो गई। साथ ही यात्री आक्रोशित होकर रेलवे प्रबंधक पर भड़कने लगे। टीवी स्क्रीन पर विज्ञापन की जगह अश्लील वीडियो के चलने से यात्रियों में आक्रोश था। इसके बाद रेलवे के वाणिज्य विभाग ने विज्ञापन एजेंसी दत्ता कम्युनिकेशन के खिलाफ FIR दर्ज किया था।  रेल मंडल प्रबंधक प्रभात कुमार का कहना था कि यह काफी गंभीर बात है। उन्होंने विज्ञापन एजेंसी के संचालक पर जुर्माना करने के साथ साथ रेलवे  द्वारा कंपनी के अग्रीमेंट को समाप्त कर दिया गया था। इतना ही नहीं रेलवे अधिकारियों ने एजेंसी के कंट्रोल रूम में छापेमारी की गई तो वहां के एजेंसी कर्मचारियों को अश्लील वीडियो देखते पाया गया। आरपीएफ और जीआरपी के द्वारा एजेंसी के कुछ कर्मचारियों को तत्काल हिरासत में लिया गया था।

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