मुख्यमंत्री की सोच का प्रतिफल, लातेहार में अनछुए पर्यटन स्थलों के बहुरने लगे दिन

by Aaditya HridayAaditya Hriday

लातेहार। अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शुमार लातेहार जिले की अब पहचान बदलने लगी है। नई पहचान अब पर्यटन की बन रही है। अनुपम प्राकृतिक सौंद्रर्य खुद में समेटे ललमटिया डैम पर्यटकों को बरबस अपनी ओर लुभाने लगा है। अपने विकास की वर्षों से बांट जोह रहे डैम पर जब मुख्यमंत्री की नजर पड़ी, तो उन्होंने उपायुक्त को इसके सौंदर्यीकरण का निर्देश दिया। फिर क्या था। उपायुक्त अबु इमरान प्रशासनिक महकमा के साथ डैम पर पहुंचे एवं निरीक्षण किया। कई बार बैठक कर ललमटिया डैम को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना बनायी। जिसके बाद डीटीपीसी की बैठक में लालमटिया डैम के सौंदर्यीकरण का निर्णय लिया गया। इसके बाद ललमटिया डैम के सौंदर्यीकरण का कार्य आरंभ किया गया। देखते ही देखते ललमटिया डैम की सूरत पूरी तरह से बदल गई। डैम को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने से पर्यटन के रूप में नई पहचान मिली। जिस जगह जाना कोई पसंद नहीं करता था, वहां अब पर्यटक भ्रमण करते नजर आते हैं। उध, राजा मेदनीराय द्वारा 16वीं शताब्दी में लातेहार में निर्मित नवागढ़ स्थित नवरत्नगढ़ किला को उसका भव्य स्वरूप पुन: प्रदान किया जा रहा है। सरकार के निर्देश के बाद इसकी बुलंदी को कायम करने का कार्य जारी है। इसके लिए किला तक पहुंचने के मार्ग को दुरुस्त किया गया है। आरामदायक सीढ़ियों का निर्माण हुआ है। अब पर्यटक इस किला के भव्य रूप को देखने आ रहे हैं। यहां पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है।

नावागढ़ किला एवं ललमटिया डैम को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने से जहां पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। वहीं रोजगार सृजन के नये अवसर भी सृजित हो रहे हैं।

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