रिम्स, सदर अस्पताल और एनएचएम के कई डॉक्टर और नर्से हुए संक्रमित
झासा ने सीएम हेमंत को पत्र लिखकर ओपीडी सेवा बंद करने की है मांग
रांची। राज्य में कोरोना संक्रमण की लहर एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। हर दिन मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। इससे संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। अब तक राज्य में कई डॉक्टर और नर्स भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के परिवार नियोजन के हेड समेत एनएचएम के चार्टर्ड अकाउंटेंट और एनजीओ कंसलटेंट की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कई डॉक्टरों के संक्रमित होने के बाद झासा ने सीएम हेमंत को पत्र लिखकर सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद करने की मांग की है। कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट आने के बाद एनएचएम के तीनों अधिकारी होम आइसोलेशन में चले गए हैं। उनके कॉटेक्ट में आए लोगों की पहचान की जा रही है। नामकुम स्थित आरसीएच और आईपीएच के साथ-साथ एक ही कैंपस में औषधि नियंत्रक, आयुष निदेशालय, ड्रग एंड फूड टेस्टिंग लैब और वैक्सीन का स्टेट वेयर हाउस का संचालन होता है। स्वास्थ्य मुख्यालय में ही एनएचएम के निदेशक का भी कार्यालय है। कोरोना संक्रमण की रफ्तार इस बार इतनी तेज है कि न सिर्फ आमलोग, बल्कि बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारी, जनप्रतिनिधि के साथ-साथ मरीजों की सेवा कर रहे डॉक्टर्स भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। सोमवार को रांची सदर अस्पताल के चार डॉक्टर्स डॉक्टर बीनू वंदना, डॉ मुज्जमिल, डॉ संतोष और डॉ शशि टोप्पो कोरोना संक्रमित पाई गई हैं। वहीं रिम्स के कई डॉक्टर्स के साथ-साथ बड़ी संख्या में मेडिकल के छात्र भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। झारखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और बड़ी संख्या में डॉक्टरों के कोरोना संक्रमित होने को देखते हुए झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस ( झासा) एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा छोड़ अन्य ओपीडी बंद करने की मांग की है। झासा के सचिव डॉ बिमलेश सिंह ने पिछले साल की तरह इस साल भी डॉक्टर्स, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है।
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