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कोलकाता: प्रसिद्ध फुटबॉलर लियोनेल मेसी का भारत दौरा कोलकाता में विवाद का कारण बन गया। शनिवार को साल्ट लेक स्टेडियम में मेसी को देखने पहुंचे हजारों प्रशंसक असंतोष व्यक्त करते हुए प्रदर्शन करने लगे।
इसका परिणाम यह हुआ कि प्रशंसकों ने बोतलें फेंकी, कुर्सियाँ तोड़ दीं और स्टेडियम की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया। आयोजनों की अनुचित व्यवस्था के कारण दर्शकों को मेसी का ठीक से दीदार नहीं हुआ, जिससे उनके गुस्से में इजाफा हुआ।
मेसी का कोलकाता आगमन और स्टेडियम कार्यक्रम
लियोनेल मेसी ‘GOAT इंडिया टूर 2025’ के तहत शुक्रवार रात कोलकाता पहुँचे। सुबह उन्होंने शहर में अपनी 70 फीट ऊँची मूर्ति का वर्चुअल अनावरण किया। इसके पश्चात, वे करीब 11:30 बजे साल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे, जहां मोहन बागान और डायमंड हार्बर के पूर्व खिलाड़ियों के बीच एक एग्जिबिशन मैच चल रहा था।
फैंस ने मेसी का किया स्वागत
मेसी ने स्टेडियम में मुस्कुराते हुए प्रवेश किया और प्रशंसकों की जोरदार तालियों के बीच हाथ हिलाया। उन्होंने कुछ समय पहले भारतीय फुटबॉलरों से भी मुलाकात की। हालाँकि, जब वे ऑनर की लैप लेने लगे, तो उनके चारों ओर राजनीतिक नेता और आयोजन समिति के सदस्य इकट्ठा हो गए, जिससे फैंस उनका चेहरा भी नहीं देख सके।
प्रशंसकों का गुस्सा क्यों भड़का?
फैंस ने 4,500 से 12,000 रुपये तक के महंगे टिकट खरीदे थे और उम्मीद कर रहे थे कि मेसी उन्हें कुछ फुटबॉल ट्रिक्स दिखाएंगे या कम से कम सभी के सामने अच्छे से आएंगे। हालांकि, मेसी केवल 10-20 मिनट तक ही स्टेडियम में रहे और कड़ी सुरक्षा के चलते जल्दी ही निकल गए, जिससे दर्शकों का धैर्य टूट गया।
पुलिस की कार्रवाई और रद्द हुए कार्यक्रम
स्थिति बिगड़ते देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स को भी बुलाया गया। कई कार्यक्रम, जैसे बंगाल की संतोष ट्रॉफी विजेता टीम का सम्मान और बच्चों के लिए मेसी का मास्टर क्लास, रद्द कर दिए गए। मेसी अपने साथियों लुइस सुआरेज और रोड्रिगो डे पॉल के साथ जल्द ही हैदराबाद के लिए रवाना हो गए।
राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट
इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार से पूरी रिपोर्ट मांगी है। कई प्रशंसकों ने राज्यपाल से शिकायत की कि भले ही उन्होंने महंगे टिकट खरीदे थे, फिर भी मेसी को नहीं देख सके।
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