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नीतीश कुमार ने फिर से लिया मुख्यमंत्री पद की शपथ
नई दिल्ली. बिहार की राजनीति में पिछले दो दशकों का प्रमुख चेहरा नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बने हैं। विधानसभा चुनावों में हासिल की गई ऐतिहासिक जीत के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने नीतीश को इस पद के लिए चुना है।
एनडीए विधायकों की बैठक का निर्णय
मंगलवार को एनडीए विधायकों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। बिहार की 243 सीटों में से 202 सीटें जीतने वाले इस गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी के 89 और जनता दल (यूनाइटेड) के 85 विधायक शामिल हैं। इस गठबंधन में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 19, हिंदुस्तान आवामी मोर्चा (सेक्युलर) के 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के 4 विधायक भी शामिल हैं।
नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर
बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश का यह दसवां कार्यकाल है। उन्होंने पहली बार 2000 में शपथ ली थी, जब वे समता पार्टी का हिस्सा थे। उनका पहला कार्यकाल मात्र सात दिनों तक चला था। इसके बाद, 2005 में अपनी पार्टी जद (यू) के बीजेपी के साथ गठबंधन का बना कर उन्होंने पूर्ण बहुमत हासिल किया।
गठबंधन और राजनीतिक परिवर्तन
नीतीश ने 2010 में भी अपने गठबंधन को मजबूती से बनाए रखा। 2013 में नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ लिया, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता में बने रहे। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
महागठबंधन और बीजेपी के साथ नाता
2015 में नीतीश ने फिर से महागठबंधन बनाया और चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री बने। 2017 में उन्होंने महागठबंधन को तोड़ा और बीजेपी के साथ मिलकर दुबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2020 में एनडीए ने साधारण बहुमत हासिल किया, लेकिन जद (यू) की सीटें घटकर 43 रह गईं। इसके बावजूद नीतीश को मुख्यमंत्री बनाए रखा गया।
चुनाव विश्लेषण और भविष्य की चुनौती
2022 में नीतीश ने फिर से सरकार भंग कर दी और आरजेडी तथा कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया। लेकिन यह सरकार महज़ 17 महीने तक चली। आलोचकों ने नीतीश कुमार को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कमजोर शक्ति करार दिया था। हालांकि, चुनाव विश्लेषकों को आश्चर्य हुआ जब नीतीश की पार्टी ने 2020 में जीती गई 43 सीटों की तुलना में दो गुनी, यानी 85 सीटें हासिल कीं।
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