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विराट कोहली और रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा की, गौतम गंभीर पर उठे सवाल
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट में इन दिनों जटिल परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं। कोलकाता के ईडन गार्डन्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली शर्मनाक हार के बाद पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी ने गौतम गंभीर पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
तिवारी का कहना है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के लिए गंभीर ने माहौल बनाया है। उनका मानना है कि गंभीर ने इन खिलाड़ियों के खिलाफ ऐसा माहौल तैयार किया कि उनके लिए संन्यास लेना आवश्यक हो गया।
गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद रिकॉर्ड
गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद भारतीय टीम ने घरेलू मैदान पर चार टेस्ट मैचों में हार का सामना किया है, जबकि केवल तीन मैचों में सफलता प्राप्त की। कोलकाता टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों ने स्पिन ट्रैक पर असफलता का सामना किया। गंभीर अपने समय में स्पिन गेंदों के बेहतरीन बल्लेबाज रहे हैं, और उन्होंने ऐसे ट्रैक तैयार कराने की प्रवृत्ति दिखाई, लेकिन उनकी टीम उसी पर लड़खड़ा गई।
मनोज तिवारी का ट्रांजिशन पर बयान
इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान पूर्व भारतीय बल्लेबाज मनोज तिवारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि “भारत को किसी ट्रांजिशन पीरियड की आवश्यकता नहीं है।” वह मानते हैं कि न्यूजीलैंड या जिम्बाब्वे जैसी टीमों को इसका सामना करना पड़ता है, जबकि भारत में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है।
तिवारी ने गंभीर पर आरोप लगाया कि “यह सारी ट्रांजिशन की बात सिर्फ इसलिए की जा रही है ताकि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे प्रमुख खिलाड़ी धीरे-धीरे टीम से बाहर हो जाएं। दोनों खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट से बहुत प्यार था, लेकिन उनके चारों ओर जो माहौल बनाया गया, उसके चलते उन्हें संन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा।
बल्लेबाजों की तकनीक पर निशाना साधने से भड़के तिवारी
मैच हारने के बाद, गौतम गंभीर ने स्पष्ट किया कि बल्लेबाजों की तकनीक में कमी थी, और उन्होंने स्पिन बैलेंस नहीं किया। इस बयान पर मनोज तिवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हार के बाद खिलाड़ियों की तकनीक पर सवाल उठाना आसान है। कोच का काम सिखाना होता है, दोषि देना नहीं।”
तिवारी ने आगे कहा, “यदि बल्लेबाजों को स्पिन खेलने में समस्या थी, तो मैच से पहले ट्रेनिंग क्यों नहीं कराई गई? गंभीर खुद स्पिन के अच्छे बल्लेबाज रहे हैं, तो उन्हें और मेहनत करनी चाहिए थी। वर्तमान में नतीजे भारत के पक्ष में नहीं जा रहे हैं।”
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