लैंड फॉर जॉब्स स्कैम मामले में गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने तेजस्वी की सीबीआई के समन को रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कहा कि तेजस्वी को 25 मार्च को सुबह साढ़े 10 बजे CBI दफ्तर जाना ही होगा।
सुनवाई के दौरान तेजस्वी के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को कहा कि अगर तेजस्वी एजेंसी के सामने पेश होंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद CBI ने अदालत से कहा कि हमारा उन्हें गिरफ्तार करने का इरादा नहीं है। हम चाहते हैं कि वो CBI के सामने पेश हों, क्योंकि उन्हें कुछ दस्तावेज दिखाने हैं। अगर वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होते हैं, तो उससे कोई फायदा नहीं होगा।
तेजस्वी ने कोर्ट में कहा कि बिहार में बजट सत्र चल रहा है। ऐसे में वे बार-बार पूछताछ के लिए दिल्ली नहीं आ सकते हैं। इस पर CBI ने कहा कि शनिवार को बजट सत्र नहीं होता। वे इस दिन आ सकते हैं। साथ ही एजेंसी ने भरोसा दिलाया कि वह फिलहाल उन्हें गिरफ्तारी नहीं किया जाएगा।
सीबीआई तेजस्वी को तीन बार समन भेज चुकी है। मामला 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेलमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद से जुड़ा है। आरोप यह है कि लालू प्रसाद ने पद पर रहते हुए परिवार को जमीन हस्तांतरित के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाईं। सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा निर्देशों के अनुरुप नहीं थीं।
इसी के खिलाफ वे दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे हैं। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की अदालत में इस पर सुनवाई हो रही है। तेजस्वी यादव ने याचिका में कहा, ‘सीआरपीसी की धारा 160 के उल्लंघन में उन्हें परेशान करने की नीयत से नोटिस जारी किया गया है। वे तो कथित अपराध के समय नाबालिग थे।’ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने इसी मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती को बुधवार को जमानत दी है।
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