गोपालगंज जिला के मंडल कारा में 16 फरवरी को छापेमारी की गई थी. इस दौरान जेल में बंद कैदी ने मोबाइल फोन निगल लिया था. कैदी की हालत खराब होने पर उसे पीएमसीएच लाया गया. इसके बाद आईजीआईएमएस रेफर कर दिया गया. गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ आशीष कुमार झा ने एक्स रे कराया, तो पेट में मोबाइल दिखा, जिसके बाद एंडोस्कोपी करने का निर्णय लिया गया. बता दें कि आईजीआईएमएस के डॉक्टरों ने बिना सर्जरी किए एंडोस्कोपी तकनीक से मोबाइल को बाहर निकाला. वहीं, अभी कैदी की हालत ठीक है.
डॉ. आशीष झा ने बताया कि जेल प्रशासन की मदद से समय पर कैदी को अस्पताल लाया गया था. लेट होने पर मरीज की जान को भी खतरा हो सकता था. मोबाइल की बैटरी लीक होती, तो उसका एसिड और लिथियम पेट में फैल जाता, इससे वह पेट को पूरी तरह से जला देता. पेट में छेद हो जाता और मरीज की हालत गंभीर हो जाती. वहीं, आईजीआईएमएस के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि मोबाइल खाने की थैली में जाकर फंसा हुआ था, जिसे सफलतापूर्ण बाहर निकाल लिया गया है.
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