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रांची, झारखंड। राजधानी में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उग्रवादी संगठन पीएलएफआई (People’s Liberation Front of India) के नाम पर एक बिल्डर और एक जमीन कारोबारी से 50-50 लाख रुपये की रंगदारी मांगे जाने का मामला सामने आया है। धमकी इतनी गंभीर थी कि रकम नहीं देने पर जान से मारने की चेतावनी दी गई। पुलिस ने दोनों घटनाओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहला मामला: बिल्डर राजेश कुमार को जान से मारने की धमकी
यह घटना अरगोड़ा थाना क्षेत्र की है। बिल्डर राजेश कुमार, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांतीय संयोजक भी हैं, को 1 सितंबर को उनके व्हाट्सएप नंबर पर धमकी भरा संदेश मिला।
संदेश में साफ लिखा था कि अगर पांच दिन के भीतर 50 लाख रुपये नहीं दिए गए तो उनकी हत्या कर दी जाएगी। धमकी मिलने के तुरंत बाद राजेश कुमार ने अरगोड़ा थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने मोबाइल नंबर और संदेश की जांच के लिए टेक्निकल सेल को लगाया है।
दूसरा मामला: जमीन कारोबारी दीपक कुमार बने निशाना
इसी तरह का एक और मामला खेलगांव ओपी क्षेत्र से सामने आया है। यहां जमीन कारोबारी दीपक कुमार, जिनका कार्यालय मोराबादी, रांची में है, को धमकी भरे मैसेज मिले।
संदेश में लिखा था कि यदि 50 लाख रुपये नहीं दिए गए तो उनके पूरे परिवार को जान से मार दिया जाएगा। रंगदारी की मांग पीएलएफआई के अमृत होरो के नाम पर की गई। दीपक कुमार ने भी तुरंत पुलिस से शिकायत की और एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस की जांच और कार्रवाई
दोनों ही घटनाओं को लेकर पुलिस ने जांच तेज कर दी है।
- धमकी देने वालों के मोबाइल नंबर और लोकेशन की साइबर सेल से जांच की जा रही है।
- पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराधियों की पहचान जल्द कर ली जाएगी और दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
- प्रशासन का दावा है कि व्यवसायियों और आम जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बढ़ती वारदातें और व्यापारी वर्ग में चिंता
रांची में पिछले कुछ महीनों में रंगदारी और अपराध के मामले लगातार बढ़े हैं। बिल्डरों और जमीन कारोबारियों को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है।
इन घटनाओं के बाद व्यापारी वर्ग में गहरी चिंता है। उनका कहना है कि अगर नामी लोग भी सुरक्षित नहीं हैं तो आम कारोबारियों की स्थिति और मुश्किल हो जाएगी।
रांची में पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगने के ताजा मामले ने फिर से कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार सामने आ रही घटनाएं बता रही हैं कि अपराधी अब तकनीक का सहारा लेकर धमकी दे रहे हैं। पुलिस के लिए यह चुनौती है कि वह जल्द से जल्द इन मामलों का खुलासा कर व्यापारियों और नागरिकों में विश्वास बहाल करे।

